KHETA DESAI BANASKANTHA
पाली में बाढ़ के हालातो के मध्य नजर जिला कलेक्टर हर सम्भव गली गली घूम रहे है कभी खुद के वाहन में तो कभी जीप में और राहत कार्यो का आकलन कर ऑफिस में बेठे ही थे तो अचानक उनकी मानवता जलकी और हाथ की घड़ी को देखा की खाने का वक्त हो गया है।
सायद खुद खाने की सोच रहे होंगे ?
पर ऐसा नहीं था बाढ़ ग्रस्त इलाको में एक पीड़ित ने उनसे सवाल किया या की ऐसी कोई दवाई नहीं की उससे भूख ना लगे।
पाली कलेक्टर की आँखे उन सब्दो को सुन कर नम हो गई और रूखे मन से बोले ऐसी कोई मुसीबत नहीं है और में हु ना………..
और कलेक्टर ने टेक्टर बुलवाये और सबको सरकारी आशियानों में जाने का आग्रह किया
इतने में उनके तूफानी दौर में नजर आये बाढ़ पीड़ित की सोच दिमाग में आई और उन्होंने फोन उठाया और भोजन के पैकेट मंगवाए और अपनी गाडी में भर कर वीर दुर्गा दास मार्ग और साँची कॉलोनी की तरफ बढे और लोगो को भोजन के पैकेट दिए।
पाली कलेक्टर ने भोजन देने के बाद बापस अपना वाहन रोका और लोगो से विनती की रात कैसे बिठाओगे आपके लिए व्यवस्था है चलो सरकारी आशियानों में इस वाक्य को सुन कर लोगो के आसु आ गए ।
और दूसरे वाहन से उनको पहुचने की व्यवस्था की।
कलेक्टर की मानवीय संवेदना को हम सब सलाम करते है जब हमारे कैमरा मेन ने फोटो ली तो कलेक्टर ने नाराजगी जताई आज का दिन मेरे लिए अहम है फोटो शॉप का नहीं
हमारे कैमरा मेन को टोकने पर अलग अलग विचार आये पर बाद में लगा बात तो सत्य है ।
हम सब कलेक्टर के जज्बे को नमन करे। और उम्मीद करे हर घर में माटी के इस लाल की तरह पैदा हो